अब कोई गुलशन ना उजड़े अब वतन आज़ाद है lyrics | AB KOI GULSHAN NA UJADE LYRICS | MO. RAFI SAHAB | मुझे जीने दो | Mujhe Jeene Do

 

अब कोई गुलशन ना उजड़े अब वतन आज़ाद है - ab koii gulashan naa ujade ab vatan aazaad hai - chorus, मोहम्मद रफ़ी-(Mohammad Rafi) Lyrics

Singer chorus, मोहम्मद रफ़ी-(Mohammad Rafi)
Music जयदेव-(Jaidev)
Song Writer साहिर लुधियानवी-(Sahir Ludhianvi)

अब कोई गुलशन ना उजड़े अब वतन आज़ाद है
रूह गंगा की हिमालय का बदन आज़ाद है

खेतियाँ सोना उगाएं, वादियाँ मोती लुटाएं
आज गौतम की ज़मीं, तुलसी का बन आज़ाद है

मंदिरों में शंख बाजे, मस्जिदों में हो अज़ां
शेख का धर्म और दीन-ए-बरहमन आज़ाद है

लूट कैसी भी हो अब इस देश में रहने न पाए
आज सबके वास्ते धरती का धन आज़ाद है



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